संजीव कुमार

संपादक, आलोचना; दिल्ली विश्वविद्यालय के देशबंधु कॉलेज में प्रोफेसर
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बुलडोज़र गाथा

इंडियन एक्सप्रेस (18 नवंबर, 2024) में सुहास पलसीकर लिखते हैं : ‘हमारे…

‘आलोचना’ त्रैमासिकी के अंक-75 पर एक नज़र

'आलोचना' त्रैमासिकी के अंक-75 में ‘कफ़न’ संबंधी बहस को युवा शोधार्थी अदिति…

अरुंधति रॉय के साथ संजीव कुमार और सत्यानन्द निरुपम की बातचीत

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संजीव कुमार संजीव कुमार

आंचलिक और राष्ट्रीय के द्विचर से परे

अभी हम हिंदी के बेमिसाल कथाकार फणीश्वर नाथ रेणु (4 मार्च 1921…

‘कोई क्या कल्लेगा?’ : सुधीश-संगत पर एक नातिदीर्घ टिप्पणी

सुधीश पचौरी के साथ हिंदी की दुनिया ने बड़ा अन्याय किया है।…