‘धर्मबोध’ प्रेरित राजनीति में अस्त्र उठाने और बल प्रयोग की भूमिका बहुत बड़ी है। आधुनिक जगत में सभी युद्धों के पीछे किसी ईमानदार, न्यायोचित और मंगलकामी उद्देश्य की घोषणा की गई है। अन्यायपूर्ण शासन के विरुद्ध प्रतिरोध का सशस्त्र संग्राम आज भी अनेक लोगों को न्यायोचित लगता है। भारत के स्वतन्त्रता आन्दोलन में इस मुद्दे पर बहुत वाद-विवाद हुआ है। उन्नीसवीं-बीसवीं सदी में जैसे बार-बार भगवद्गीता से उद्धरण दिए जाते थे अंग्रेज शासन के खिलाफ धर्मयुद्ध को न्यायोचित ठहराने के लिए। यहाँ तक कि गांधी द्वारा संचालित अहिंसक सत्याग्रह में…