स्वस्थ परंपरा के लिए ज़रूरी है कि पूर्व के कार्यों का सन्दर्भ दिया जाए
आलोचना पत्रिका के अंक-78 में मेरा एक शोधालेख ‘अभिलेख, आलोचना, इतिहास और हरदेवी…
वादे वादे जायते तत्वबोधः—शोध और लेखन के एक नए विषय के रूप में हरदेवी
भारत में हो रहे हिन्दी साहित्य से संबंधित शोध कार्य को अंतरराष्ट्रीय…
अभिलेख, आलोचना, इतिहास और हरदेवी का जीवन
1882 ई. में छपी ‘एक अज्ञात हिन्दू औरत’ की पुस्तक ‘सीमंतनी उपदेश’…
‘यौनिकता, अश्लीलता और साम्प्रदायिकता’ तथा औपनिवेशिक उत्तर प्रदेश में ‘हिन्दू पहचान’ का निर्माण
“दरअसल ‘स्वच्छ’ और ‘अश्लील’ के आधार पर साहित्य का विभाजन पूरी तरह…