Tag: Aalochana

चौथा पड़ाव अलीगढ़ : कुत्ती जिदों को पछाड़ते हुए

आज मुझे खुर्जा से अलीगढ़ पहुँचना था। मुझे 54 किलोमीटर साईकिल चलानी…

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21वीं सदी की हिन्दी कविता

आलोचना पत्रिका के कविता-अंक की योजना बने हुए साल-भर से अधिक समय…

भारतीय फासीवाद और प्रतिरोध की संभावना

क्या भारत की वर्तमान परिस्थिति को फासीवाद के रूप में चिन्हित किया…

‘आलोचना’ त्रैमासिकी के अंक-75 पर एक नज़र

'आलोचना' त्रैमासिकी के अंक-75 में ‘कफ़न’ संबंधी बहस को युवा शोधार्थी अदिति…

‘आलोचना’ क्यों? शिवदान सिंह चौहान का सम्पादकीय

हमारे साहित्य और जीवन की जिन सामयिक और स्थायी आवश्यकताओं ने ‘आलोचना’…